846 में, कार्ल ज़ीस ने जेना में 7 न्यूगास स्ट्रीट में सटीक ऑप्टिकल उपकरणों के निर्माण के लिए एक छोटी कार्यशाला खोली।
1866 में 1000वां माइक्रोस्कोप बेचा गया। श्री अर्न्स्टएब्बे श्री ज़ीस की कंपनी में शामिल हो गए और उन्होंने ज़ीस की माइक्रोस्कोपी तकनीक को वैज्ञानिक आधार पर स्थापित किया।
1884-1891: जेना में "स्कॉट एंड जेमोसेन ग्लास वर्क्स" की स्थापना हुई, कार्ल जीस की मृत्यु 1888 में हुई, कार्ल जीस फाउंडेशन की स्थापना हुई।
1900 में, श्री अगस्त कोहलर की मदद से, श्री ज़ीस की छोटी कार्यशाला का विश्व स्तर पर विस्तार होना शुरू हुआ और इसी तरह, प्रतिदीप्ति माइक्रोस्कोपी के लिए एक ठोस नींव रखी।
1936 में, श्री फ्रिट्स ज़र्निक के सहयोग से, जीवित कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए पहला चरण-कंट्रास्ट माइक्रोस्कोप पेश किया गया था। मिस्टर फ्रिट्स ज़र्निके को 1953 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
1949, आर्थिक चमत्कार और इलेक्ट्रॉनिक युग: एईजी निगम के साथ साझेदारी में ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का व्यावसायीकरण।
1989 में, डिजिटलीकरण की डिग्री उच्च और उच्च हो गई, और माइक्रोस्कोप एक इमेज प्रोसेसिंग वर्कस्टेशन बन गया। तेजी से विकसित सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी और डिजिटल कैमरा ने माइक्रोस्कोप के अनुप्रयोग क्षेत्र का विस्तार किया।
2000 में, ऑपरेशन कंट्रोल टेक्नोलॉजी ने इमेजिंग तकनीक की सहायता की, और माइक्रोस्कोप एक स्वचालित छवि डिस्प्ले सिस्टम बन गया।